Current Affairs 2022

Current Affairs 2022 : अब पढ़े हिंदी में करंट अफेयर्स

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Current Affairs 2022 :- Welcome to the FormsNotice.Com which provides you with the best compilation of the Daily Current Affairs 2022 taking place across the globe: National, International, Sports, Science and Technology, Banking, Economy, Agreement, Appointments, Ranks and Report and General Studies. Formsnotice has been a fantastic buddy in assisting you in reaching your full potential in terms of knowledge and learning by providing you with the top academic information.

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भारत को अमेरिका से मिले दो और एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर

भारतीय नौसोना ने अमेरिका से दो और एमच-60 रोमियो मल्टी पर्पज हेलीकॉप्टर प्राप्त किये। नौसेना अपनी समग्र लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के प्रयास के तहत ये हेलीकॉप्टर खरीद रही है। इसके साथ ही, नौसेना को प्राप्त हुए इस श्रेणी के हेलीकॉप्टर की कुल संख्या बढ़ कर पांच हो गई है। नौसेना अपनी समग्र लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के प्रयास के तहत ये हेलीकॉप्टर खरीद रही है।

मुख्य बिंदु

  • लॉकहीड मार्टिन कॉरपोरेशन की ओर से इस हेलीकॉप्टर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे किसी भी मौसम में इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे कुल 24 हेलीकॉप्टर की आपूर्ति 2025 तक पूरी होगी। 
  • नौसेना के अनुसार दो हेलीकॉप्टर की आपूर्ति गुरुवार को कोच्चि हवाई अड्डे पर की गई, जबकि एक अन्य हेलीकॉप्टर की आपूर्ति अगले महीने होनी है। 
  • अमेरिकी सरकार के साथ किये गये लगभग 15,000 करोड़ रुपये के सौदे के तहत भारत ये हेलीकॉप्टर खरीद रहा है।
  • एजीएम-114 हेलफायर मिसाइलों, एमके 54 टॉरपीडो और उन्नत सटीक हथियारों से लैस, डबल इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर को फ्रिगेट और विमान वाहक से संचालित किया जा सकता है। 

भारतीय नौसेना को मिला पहला स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत

भारतीय नौसेना को देश का पहला स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत (आईएसी-1) मिल गया। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड यानी सीएसएल ने इसे सौंपा। नौसेना में इसके शामिल होने से भारतीय समुद्र क्षेत्र (आईओआर) में देश की स्थिति और मजबूत होगी। नौसेना के आंतरिक नौसेना डिजाइन निदेशालय ने इस पोत का डिजाइन है। इसका नाम भारत के पहले विमानवाहक पोत, भारतीय नौसेना जहाज (आईएनएस) विक्रांत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। आधिकारिक तौर पर इसे अगस्त में नौसेना में शामिल किया जा सकता है।

मुख्य बिंदु:

  • आईएसी-1 भारत में बनाया गया अभी तक का सबसे बड़ा युद्धपोत है। इसका भार लगभग 45,000 टन है। 
  • इसे देश की सबसे महत्वाकांक्षी नौसैनिक पोत परियोजना भी माना जाता है। नया पोत अपने पूर्ववर्ती की तुलना में काफी बड़ा और उन्नत है, जो 262 मीटर लंबा है। 
  • इसे चार गैस टर्बाइन के जरिये कुल 88 मेगावॉट की ताकत मिलेगी। इस पोत की अधिकतम गति 28 नॉटिकल मील है। 
  • इसके अनुसार, करीब 20,000 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना रक्षा मंत्रालय और सीएसल के बीच हुए अनुबंध के साथ तीन चरणों में आगे बढ़ी।
  • आईएसी के निर्माण में कुल 76 फीसदी स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो देश के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का एक आदर्श उदाहरण है। यह सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी गति प्रदान करता है।

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:

  • नौसेनाध्यक्ष: एडमिरल आर. हरि कुमार

तमिलनाडु सरकार ने शुरू की ‘मुख्यमंत्री नाश्ता योजना’

तमिलनाडु सरकार ने 2022-23 के दौरान राज्य भर में कक्षा I-V में 1.14 लाख से अधिक बच्चों को लाभान्वित करने के लिए 1,545 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में ‘मुख्यमंत्री नाश्ता योजना’ के पहले चरण को लागू करने का आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने छात्रों से कहा कि चूंकि वे सुबह नाश्ता छोड़कर स्कूल आ रहे हैं, इसलिए सरकार ने सरकारी स्कूलों में नाश्ता उपलब्ध कराने का फैसला किया है।

मुख्य बिंदु

  • इसके तहत, जहां तक संभव हो, क्षेत्र में उपलब्ध बाजरे से बना नाश्ता छात्रों को सप्ताह में कम से कम दो दिन उपलब्ध कराया जा सकता है।
  • प्रत्येक छात्र को सब्जियों के सांबर के साथ 150-500 ग्राम नाश्ते का पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
  • आदेश के अनुसार, योजना के प्रथम चरण में शैक्षणिक वर्ष 2022 2023 में 33.56 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अलग-अलग क्षेत्रों के गांवों के 1,545 प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 1,14,095 छात्रों के लिए नाश्ता दिया जाएगा। 
  • नाश्ते में 50 ग्राम चावल या सूजी (प्रति बच्चा प्रति दिन) या स्थानीय रूप से उगाए गए अनाज, 15 ग्राम दाल सांभर और स्थानीय रूप से उपलब्ध सब्जी प्रदान की जाएगी। 
  • इसके अलावा सप्ताह में कम से कम दो दिन स्थानीय रूप से उपलब्ध अनाज से बना नाश्ता उपलब्ध कराया जा सकता है।
  • बता दें, तमिलनाडु ही पहला ऐसा राज्य था, जिसने सबसे पहले सरकारी स्कूल के छात्रों को मिड-डे मिल भोजन प्रदान करना शुरू किया था।

इसरो ने उपग्रह प्रक्षेपण से 27.9 करोड़ अमेरिकी डालर कमाये

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपनी वाणिज्यिक शाखा के जरिये वैश्विक ग्राहकों के लिए उपग्रहों को प्रक्षेपित करके 27.90 करोड़ डालर की विदेशी मुद्रा अर्जित की है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

इसरो ने अपने धु्रवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (पीएसएलवी) से 34 देशों के 345 विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक लांच किया है। विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण के माध्यम से अर्जित कुल विदेशी राजस्व करीब 56 मिलियन अमेरिकी डालर (एक मिलियन =10 लाख) और 220 मिलियन यूरो है।

मुख्य बिंदु

  • नवीनतम पीएसएलवी मिशन 30 जून को था जब इसरो ने सिंगापुर के तीन उपग्रहों डीएस-ईओ, न्यूएसएआर और एसजीओओबी-1 को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया। 
  • इसरो द्वारा PSLV-C53 मिशन ने सिंगापुर के तीन ग्राहक उपग्रहों जैसे DS-EO, NeuSAR और SCOOB-1 को सफलतापूर्वक लांच किया। 
  • पीएसएलवी-सी53 न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के लिए दूसरा समर्पित वाणिज्यिक मिशन था, जो अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है।
  • इसरो ने 15 फरवरी, 2017 को एक साथ 104 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे थे। इनमें 104 उपग्रहों में अमेरिका के 96 उपग्रह शामिल थे। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया गया था। 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:

  • इसरो अध्यक्ष: डॉ के सिवान
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री: डॉ जितेंद्र सिंह
  • इसरो की स्थापना तिथि: 15 अगस्त, 1969
  • इसरो के संस्थापक: डॉ विक्रम साराभाई

पद्म श्री से सम्मानित डॉक्टर सुशोवन बनर्जी का निधन

बंगाल के प्रसिद्ध ‘एक रुपये वाले डॉक्टर’ पद्मश्री सुशोवन बनर्जी  (Padmashree Dr. Sushovan Banerjee) का कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। राज्य में मात्र एक रुपये में चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने को लेकर डाक्टर बनर्जी को इस नाम से जाना जाता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक जताया है।

डॉ. सुशोवन बनर्जी का जन्म 30 सितंबर 1939 को हुआ था। खुद डॉक्टर बनने के बाद 57 साल तक बोलपुर के हरगौरीतला में सिर्फ एक रुपये में मरीजों को देखा करते थे। वे हर दिन औसतन 150 मरीजों को देखा करते थे। सिर्फ एक रुपये फीस के नाम पर लेते थे वह भी नहीं रहने पर वह निशुल्क ही मरीज को देखते और उनका इलाज करते थे। उनकी अनवरत सेवा भाव को देखते हुए सरकार ने साल 2020 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से विभूषित किया था। उन्होंने कभी नहीं देखा कि समय क्या है और कितना बज रहा है। कोराना काल हो या सामान्य काल, सदा लोगों की सेवा करते रहे।

ब्रिटेन के प्रसिद्ध पंजाबी गायक बलविंदर सफारी का निधन

ब्रिटेन के लोकप्रिय पंजाबी गायक बलविंदर साफरी का हाल ही में निधन हो गया। वे 63 साल के थे। साफरी कुछ सप्ताह पहले ही कोमा से बाहर आए थे। पंजाब में जन्मे साफरी बर्मिंघम में रहते थे और 1980 से ब्रिटेन में भांगड़ा के लिए मशहूर थे। उन्होंने 1990 में साफरी बॉयज बैंड की स्थापना की थी।

जाबी गीत “राहये राहये” और “चन मेरे मखना” जैसे गीतों के लिए चर्चित साफरी के दिल की सर्जरी हुई थी, जिसके बाद उनके मस्तिष्क में कुछ समस्या आ गई थी। वह अप्रैल में कोमा में चले गए थे। ब्रिटेन और भारत में संगीतकारों ने साफरी के निधन पर शोक व्यक्त किया।

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